About Shodashi
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कस्तूरीपङ्कभास्वद्गलचलदमलस्थूलमुक्तावलीका
साहित्याम्भोजभृङ्गी कविकुलविनुता सात्त्विकीं वाग्विभूतिं
Goddess is popularly depicted as sitting down within the petals of lotus which is kept over the horizontal system of Lord Shiva.
The underground cavern features a dome higher over, and hardly visible. Voices echo fantastically off the ancient stone with the walls. Devi sits in a pool of holy spring drinking water by using a Cover excessive. A pujari guides devotees by way of the whole process of paying out homage and receiving darshan at this most sacred of tantric peethams.
सा नित्यं मामकीने हृदयसरसिजे वासमङ्गीकरोतु ॥१४॥
चतुराज्ञाकोशभूतां नौमि श्रीत्रिपुरामहम् ॥१२॥
The trail to enlightenment is usually depicted being an allegorical journey, While using the Goddess serving given that the emblem of supreme electricity and Electricity that propels the seeker from darkness to mild.
षट्पुण्डरीकनिलयां षडाननसुतामिमाम् ।
भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।
हस्ते पाश-गदादि-शस्त्र-निचयं दीप्तं वहन्तीभिः
read more Known as the goddess of wisdom, Shodashi guides her devotees towards clarity, Perception, and higher knowledge. Chanting her mantra boosts intuition, assisting individuals make wise selections and align with their interior real truth. This benefit nurtures a life of integrity and intent.
कालहृल्लोहलोल्लोहकलानाशनकारिणीम् ॥२॥
॥ ॐ क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं श्रीं ॥
साम्राज्ञी सा मदीया मदगजगमना दीर्घमायुस्तनोतु ॥४॥